बुधवार, 15 दिसंबर 2021

आखिर क्या होता है खरमास

 


           आखिर क्या होता है खरमास 


                                                     


       हिन्दू कथा के अनुसार  एक बार सूर्य देव अपने  7 घोड़ो  के रथ पर सवार  होकर ब्रम्हांड की परिक्रमा

 कर रहे  थे  I

इस  दोरान  उन्हें कही पर भी रुकने की इजाजत  नहीं थी  I यदि इस दोरान  वो रुक जाते  तो  जनजीवन 

 भी ठहर जाता  I  परिकर्मा  शुरू की गई  I 

लेकिन लगातार  चलने के कारण  घोड़े थक जाते  ,और घोड़ो को प्यास लग जाती  I 

        घोड़ो की दयनीय दशा देख कर  सूर्य देव को चिंता होने लगी  I  वो घोड़ो को लेकर एक तालाब के

 किनारे चले गए  I 

लेकिन उन्हें तभी आभास हुआ  की अगर  रथ  रुका  तो अनर्थ हो जायेगा  , क्योकि रथ  रुकते  ही सारा

 जनजीवन  भी ठहर जायेगा  I 

      घोड़ो का सौभाग्य  ही था की  तलाब  के किनारे दो  " खर  " मौजूद  थे  I खर यानि  गधे I

भागवान सूर्य देव की नजर उन गधो पर पड़ी  और  वो  अपने घोड़ो को वही तालाब के किनारे पानी पिने 

 और विश्राम करने के लिए  छोड़ दिए  I

 और घोड़ो की जगह खर यानि गधो को अपने रथ से जोड़ दिए  I 

        लेकिन गधो की चलने की गति बहुत ही धीमी थी  , इस कारण  रथ की भी गति  धीमी हो गई  I  फिर 

 भी जैसे तैसे एक मास का चक्र पूरा हो गया  I

उधर  तब तक  घोड़ो को काफी आराम मिल गया  I  इस तरह ये  क्रम चलता  रहता है  I 





खरमास  का समय  


  •   14  दिसम्बर   से  लेकर  14 जनवरी  तक  

  •  हिन्दू धार्मिक मान्यताओ  के अनुसार  खरमास में शुभ कार्य नहीं किये जाते  है  I                       


  •   खरमास को अशुभ माना जाता है  I    


  •   जब    सूर्य  गोचरवश  धनु और मीन में  प्रवेश  करते है  तो इसे  क्रमस  धनु  संक्रांति  

           व् मीन  संक्रांति  कहा जाता है  I

      

  •   सूर्य किसी भी राशि में एक माह तक रहते है  I  सूर्य के धनु और मीन राशि में  स्थित   होने की 
           अवथी  को ही खरमास  कहा   जाता है   I

     

  •   मकर संक्राति  14 जनवरी  2022  पौष  मास के शुक्ल  पछ की  द्वादशी  तिथि  के दिन  खरमास 
           समाप्त हो जायेगा    

      





 👉  मकर संक्राति  का  विशेष  धार्मिक महत्व  होता है  I 

       इस दिन  सूर्य मकर  राशि में प्रवेश  करेंगे  I   

                                                                                                                                                                   👉  सूर्य के  मकर र्शी में प्रवेश करते ही मांगलिक और 

      शुभ कार्य प्रारम्भ  हो जायेगे  I 





खरमास में किये  जानेवाले  उपाय   


खरमास  के महीने में  पूजा  पाठ  धर्म - कर्म , मंत्र जाप , भगवत गीता  , श्री राम  कथा  , पूजा  कथा  वाचन 

विष्णु  भगवान की पूजा शुभ  माना  गया है  I 





दान -पुण्य , जप  और भगवान का ध्यान लगाने से  कष्ट  दूर होते है  I 





इस दिन भगवान  शिव की आराधना करने से  कस्तो क निवारण होता है  I  





शिवजी के आलावा  खरमास में भगवान  विष्णु  जी की  पूजा भी फल दायक  होती है  I 





खरमास के महीने सूर्य देव को जल का अर्घ्य  दिया जाता है  I 


ब्राह्म मुहूर्त में उठ कर  स्नान  आदि से निर्वित होकर ताम्बे के लोटे में जल , रोटी या लाल चन्दन , शहद ,

 लाल पुष्प  पानी में  डाल कर  सूर्य देव को  जल का अर्घ  दिया  जाना  शुभ फल दायी होता है  I 





🙏


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रविवार, 12 दिसंबर 2021

ठंड से बचने का खरेलु उपाय

 



                  ठंड से बचने का खरेलु उपाय 

 

 नहीं लगेगी ठंड खाए  ये 8 चीजें  , शरीर  रहेगा  गर्म  , नहीं लगेगी  लगेगी ठंड  









ठंड का सीजन  आते ही ठंड से बचने  के लिए  हम लोग  कई  चीजो  का इस्तेमाल करने  लगते  है  , जैसे 

 की  रूम हीटर , आग  , गर्म कपडे , गर्म पानी  आदि  I 

आज हम जानेगे  कुछ  ऐसी  चीजो  के बारे में  जिससे खाने से  हमारा शरीर  रहता  है गर्म  और नहीं लगती

 है  ठंड  I  सर्दी में यदि  खान  पान पर  विशेष  ध्यान  दिया जाय  तो शरीर  संतुलन रहता है और सर्दी कम

 लगती है  I


1.  बादाम ...


बादाम  कई   गुणों   से भरपूर  होता है  I  इसका नियमित सेवन  करने से   हमारे शरीर  कई  बीमारियों  से

 बचा  रहता है  I  बादाम खाने से  यादाश्त  बढती है , कब्ज की समस्या दूर रहती है  I  बादाम डायबिटीज

 को नियंत्रित करता है  I  इसमे  विटामिन - ई की मात्र भरपूर  रहती है  I  ( affiliate link click here )





2.  बाजरा ...


बाजरा  शरीर को सबसे  जादा गर्मी देता है  I  सर्दी में बाजरे की रोटी बना के खाए  I  इसमे कई स्वास्थ

 वर्धक  गुण होते है  I  दुसरो अनाजो की  उपेछा  बाजरे में  सबसे  अधिक  प्रोटीन की मात्रा होती है  , इसमे

 वो  सभी  गुण  होते है   जिससे  स्वास्थ  ठीक रहता है  I 




बाजरे में शरीर  के लिए  आवश्यक  तत्व जैसे  - 

Megnisium , कैल्शियम  , मैगनीज ,    ट्रिप टो फेन , फाइबर  , विटामिन - बी , एंटी  ऑ सीडेंट  अदि 

 भरपूर  मात्रा  में पाए  जाते है   


3. अदरक ...


अदरक  रोज खाने से  कई  बीमारियों से बचा  जा सकता है  I  सर्दियों में इसका सेवन  करने से शरीर  को 

 कई तरह से लाभ मिलता है  I  अदरक से शरीर को गर्मी मिलती है और डाइ जेशन  भी ठीक रहता है  I 






4. मूंगफली  ...


मूंगफली  ठंड में शरीर के लिए बहुत ही फायेदे मंद  शाबित  होती है  I  मूंगफली  में - 

नमी , FATS , मिनरल  , फाइबर , कार्बोहाइड्रेट , उर्जा , कैल्शियम , फास्फोरस , आयरन , कैरोटिन , 

थाइ मि न , फोलिक एसिड  

ये  जरुरी तत्व  पाए जाते है  जो  शरीर के लिए  बहुत ही जरुरी होते है  I 







5. शहद ...                                                                                                                                                                           

शरीर  को स्वस्थ  निरोगी और उर्जावान बनाए रखने  के लिए  शहद को आयुर्वेद में अमृत भी कहा गया है  

सर्दियों में शहद का उपयोग विशेष लाभकारी कोता  है  , इससे  पाचन क्रिया  में सुधार होता है और इम्यून

 सिस्टम  भी अच्छा  होता है  I  ( affiliate link click here )


                                               
                                   




6. रसीले फल न खाए  ...


सर्दियों में रसीले फल का सेवन न करे  I संतरा , रसभरी , मोसम्मी  , शरीर को ठंडक देते है  जिससे

 जुखाम और  खराश  हो सकता है  I  सर्दियों में रसीले फल खाने से बचे  I  जादा से जादा योग  और

 व्यायाम करे  और  हल्का जोगिंग  करे  या सुबह शाम  टहले  I 


                                                                               




7.  सब्जिया ... 


हरी सब्जियों  का जादा सेवन करे , सब्जिया शरीर में प्रतिरोधक  छमता  को बढाती  है  और गर्मी प्रदान

 करती है  I  सर्दियों में मेथी , गाजर , चुकदर , पालक , लहसुन , बथुआ , का सेवन करे इससे  इमून सिस्टम

 मजबूत होता है  I 


                                                   



8. तिल ...


सर्दियों के मोसम  में तिल खाने से  शरीर  को उर्जा मिलती है  I  तिल के तेल की मालिश से ठंड के बचाव

 होता है  I  तिल और मिश्री  का काढ़ा  बनाकर पिने से ख़ासी  ठीक को जाती है  I  तिल में कई तरह के

 पोषक तत्व पाए जाते है  जैसे प्रोटीन , कैल्सियम  , बी कॉम्प्लेक्स  कार्बोहायड्रेट  आदि  I  प्राचीन समय से 

 खूबसूरती  बनाय रखने  के लिए  तिल का प्रयोग किया जाता रहा है  I  ( affiliate link )


                                              




रविवार, 21 नवंबर 2021

" आखिर कौन थी रानी कमलापति "

 


                    रानी कमलापति  





जैसा  की आप सभी जानते है की भोपाल में भारत के सबसे  हाईटेक  रेलवे स्टेशन का नाम , हबीबगंज रेलवे

 स्टेशन से  बदल कर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर  दिया गया है  I 


माना जा रहा है की ये रेलवे स्टेशन किसी भी इंटरनेशनल एअरपोर्ट को टक्कर  दे रहा है I 




ये  भोपाल वासियों के लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है , लेकिन सवाल ये है की रानी कमलापति को कितने

 लोग जानते है I मेरे ख्याल से भोपाल के , मध्यप्रदेश और पुरे भारतवर्ष के बहुत की गिने - चुने लोग ही

 रानी जी को जानते है I 


       रानी कमलापति का इतिहास 


अचानक से स्टेशन का नाम बदल कर रानी कमलापति कर देने से पुरे भारत वर्ष में ये चर्चा का विषय बना

 हुआ है की आखिर रानी कमलापति कौन थी ?

तो आप लोगो को ये मै बता दू की जिस तरह रानी पदमावती ने अपने आप को दुश्मनो से बचाने के लिए

 जौहर  किया था I उसी तरह से रानी कमलापति ने भी अपने आप को दुश्मनो से बचाने के लिए नदी में

 अपने प्राण त्यागे थे I 





हुआ ये था की सोलहवी सदी में  भोपाल  पर हिन्दू , गौड़ राजा  निजामशाह  का शासन था I रानी 

 कमलापति , राजा निजामशाह की पत्नी थी I राजा  गिनौरगढ़  से  पुरे  राज्य का सञ्चालन  करते  थे I 




राजा का एक भतीजा था आलमशाह जो बाड़ी पर शासन करता था I शासन करते - करते आलमशाह के

 मन में लालच आ गया और वो पुरे गिनौरगढ़  को हडपने का बिचार बनाने लगा I 

एक दिन उसने राजा निजामशाह  को खाने पर बुलाया और राजा के खाने में जहर  मिला कर राजा को

 मार  दिया I


रानी को जब राजा के मारे जाने की खबर मिली तो वो अपने बड़े बेटे  नवलशाह  को बचाने के लिए उसे

 लेकर  गिनौरगढ़  से भोपाल  आ  गई I  रानी  कमलापति का महल  एक तलाब  के पास था I  

रानी  ,  राजा  की  हत्या  का बदला  लेना चाहती थी  , इसलिए अफगानिस्तान  से आये  हुए  मोहम्मद

 खान  के  साथ  सौदा  किया  , मोहम्मद खान एक लाख  रूपए के बदले रानी का काम  करने को राज़ी  हो

 गया  I 


मोहम्मद खान ने आलमशाह  को  मौत के घाट उतर दिया I लेकिन रानी  कमलापति  के पास  एक  लाख

 रूपए नहीं था  तो रानी ने मोहम्मद खान को  भोपाल का एक हिस्सा  दे दिया I 

लेकिन कुछ समय के बाद  मोहम्मद खान भी स्वार्थी और विश्वासघाती  हो गया  और पुरे भोपाल पर कब्ज़ा

 करने  की  प्लनिंग करने लगा I 

रानी  बहुत ही खुबसुरत थी , मोहम्मद  खान की नियत रानी के प्रति ख़राब हो चुकी थी I 

आखिरकार  रानी के  बेटे  नवलशाह  और मोहम्मद  खान के बिच  बहुत ही भयानक युद्ध हुआ I


पूरी  घटी  खून , और लाशो से लाल हो गई I  उस घाटी को आज भी लाल घाटी के नाम से जाना जाता है I

नवलशाह  इस युद्ध में  शहीद  हो गए I  रानी के सैनिको  ने रानी को युद्ध हारने का सन्देश  पहुचा दिया I


रानी  ने अपनी मान -मर्यादा  की रक्षा  के लिए  , तलाब  की नहर  का  रास्ता अपने  महल  की तरफ  ,

 सैनिको  से कह कर करवा दिया  और खुद महल के सबसे  निचे  वाले तल में  बैठ  गई I 

रानी का आदेश मिलते ही सैनिको ने  नहर का रास्ता  महल की तरफ मोड़ दिया I कुछ ही समय में पूरा

 पाँच मंजिला  महल पानी से डूब गया I 


तो इस तरह रानी कमलापति  ने अपनी मान -मर्यादा  की रक्षा  के लिए जल जौहर  कर लिया  था  I


आज भी रानी  कमलापति का महल  पांच मंजिले तक  पानी से डूबा हुआ है I 


भारत वर्ष Iबहुत ही धन्य है ,  जहा पर येसी  विरांगनाओ ने जन्म लिया I 

रानी  का  सतीत्व और साहस  अमर रहे I 


हबीबगंज  रेलवे स्टेशन  का नाम बदल  कर  रानी  कमलापति करना एक बहुत  ही   अच्छा  और सह्सीय

 कदम है I  

हमें  इसी तरह से अपने इतिहास को जीवित रहना होगा I 


आज रानी कमलापति , और न जाने कितने महलों का इतिहास  थिरे -थिरे  अँधेरे में डूब रहा है I  हमें


 इसी तरह के छोटे छोटे प्रयासों द्वारा अपने बीते हुए इतिहास को  जीवंत और प्रकाशित रखना होगा I






                 जय हिन्द                                                       जय भारत 


रविवार, 14 नवंबर 2021

200 से अधिक रोगों को ठीक करे ये आयुर्वेदिक दवा

        

              

            200  से अधिक रोगों को ठीक करे ये  आयुर्वेदिक दवा 




                                                  श्री तुलसी 


  • स्वाइन फ्लू  
  • डेगू 
  • मलेरिया 
  • जुखाम खासी , कब्ज 
  • एलर्जी , चमड़ी रोग 
  • सर दर्द , तनाव ,जोड़ो का दर्द 
  • मोटापा 
  • ब्लडप्रेशर,दमा, धकान 
  • पाएल्स 
  • गठिया , अलसर, पथरी
  • उल्टी, हिचकी , जख्म 
  • पेट का रोग 
  • शुगर आदि  
                                      जैसे रोगों को दूर करे 


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प्रयोग विधि 

  • रोजाना सुबह  शाम  आधे  गिलास  पानी में , तीन से पांच  बूद  श्री तुलसी  डाले और थिरे - थिरे सेवन करे  I
  • श्री तुलसी का नियमित सेवन करने से  वायरल फिवर , अलेर्जी , पेट की समस्या  नहीं होती है  I 
  • श्री तुसली आप को  स्वस्त  रखने में सहयोग करती है I
  • श्री तुलसी का सेवन दूध  के साथ न करे , दूध पिने के आधे  घंटे बाद  श्री तुलसी का सेवन करे  I



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